दोस्त की भाभी की चुदाई की कहानी

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मोन्टी है और मैं बरोड़ा गुजरात का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है और मैं एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। दोस्तों मैं इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे इस पर सेक्सी कहानियाँ पढना बहुत अच्छा लगता है और मैं इस साईट से सालों से जुड़ा हुआ हूँ। दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे। उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी..


उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और मैं भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी।

मैं जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी मैं देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और मैं हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था। थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन मैं जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है।

फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब मैं उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब मैं बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था और फिर मैं पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और मैं मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और मैं लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी..

लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली। तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और मैं जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर थोड़े दिनों बाद मैं शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और मैं सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी। फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही..

मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन। तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि मैं चलता हूँ और मैं घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

मैं : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।
लड़की : हैल्लो।
मैं : हाँ कौन?
लड़की : क्या आप मैं बोल रहे हो?
मैं : हाँ आप कौन?
लड़की : मैं नयना।
मैं : कौन नयना?
लड़की : अरे यार मैं करन की भाभी।
मैं : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी मैं आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।
नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।
मैं : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।
नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।
मैं : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।
नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।
मैं : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?
नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।
मैं : लेकिन मुझे तो बताओ मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा।
नयना : प्लीज समझो मैं तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।
मैं : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और मैं वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।
नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।
मैं : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।
नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।
मैं : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?
नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।
मैं : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।
नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?
मैं : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।
नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि मैं किसी के साथ कार में गयी थी।
मैं : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?
नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।
मैं : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?
नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।
मैं : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

नयना : देखों तुम कुछ मत बताना और तुम जो चाहो मेरे साथ कर लेना, मैं मना नहीं करुँगी।
मैं :  मतलब…
नयना : मैं कल फिर तुम्हें बिग बाज़ार में मिलूंगी फिर तुम मुझे जहाँ चाहों ले चलना और मेरे साथ मन भरकर सेक्स कर लेना
मैं : ठीक है
अगले दिन वो बिग बाज़ार में मुझसे मिली और मैं उसे बाइक पर बैठाकर अपने एक दोस्त के रूम पर ले गया और मैंने उसे 2 घंटे तक कई पोजीशन में चोदा… आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब जब भी मेरा मन चुदाई को करता है तो मैं नयना भाभी को बुला लेता हूँ और वो भी मुझे बिना इंतजार करवाएं चली आती है..
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